+ विशेष लक्षण कहने की प्रतिज्ञा -
अथ चैतदेव लक्षणमेकं वाक्‍यान्तरप्रवेशेन ।
निष्प्रतिघप्रतिपत्त्यै विशेषतो लक्ष्यन्ति बुधा: ॥85॥
अन्वयार्थ : 'गुण पर्ययद्द्रव्यम्' इसी एक लक्षण को निर्बाध प्रतीति के लिये वाक्‍यान्तर (दूसरी रीति से) द्वारा विशेष रीति से भी बुद्धिमान कहते हैं ।