वस्त्वस्ति स्वतःसिद्धं यथा तथा तत्स्वतश्च परिणामि ।
तस्मादुत्पादस्थितिभंगमयं तत्‌ सदेतदिह नियमात्‌ ॥89॥
अन्वयार्थ : जिस प्रकार वस्तु अनादिनिधन स्वतः सिद्ध अविनाशी है उसी प्रकार परिणामी भी है इसलिये उत्पाद, स्थिति, भंग स्वरूप नियम से सत्‌ (द्रव्य) है ।