+ श्ंका -- 'गुणपर्ययवद्द्रव्यं' और 'सद्द्रव्यलक्षणम्' दोनों लक्षण क्या एक दूसरे के बाधक नहीं है? -
गुणपर्ययवद्द्रव्यम् लक्षणमेकं यदुक्तमिह पूर्वम्‌ ।
वाक्यान्तरोपदेशादधुना तद्वाध्यते त्विति चेत्‌ ॥97॥
अन्वयार्थ : पहले द्रव्य का लक्षण 'गुणपर्ययवद्द्रव्यं' यह कहा गया है और अब वाक्यान्तर के द्वारा 'सद्द्रव्य लक्षणम्' यह कहा जाता है । तथा सत् को उत्पाद, व्यय, ध्रौव्य युक्त बतलाया जाता है । इसलिये उस लक्षण में इस लक्षण से बाधा आती है ।