
ननु तत्र किं प्रमाणं क्रमस्य साध्ये तदन्यथात्वे हि ।
सोऽयं यः प्राक् स तथा यथेति यः प्राक्तु निश्चयादिति चेत् ॥176॥
अन्वयार्थ : जब कि क्रम से अन्यथा भाव मानने में यह प्रमाण है कि 'जो पहले था वही यह है?' और 'जो जैसा पहले था वह वैसा अब भी है' तब ऐसा कौन सा प्रमाण है जिससे क्रम की सिद्धि की जाय ?