+ शुद्धात्मा सिद्ध समान -
मलरहिओ णाणमओ णिवसइ सिद्धीए जारिसो सिद्धो ।
तारिसओ देहत्थो परमो बंभो मुणेयव्वो ॥26॥
ज्ञानवान अमलान प्रभु, जो सिवखेतमँझार ।
सो आतम मम घट बसै, निहचै फेर न सार ॥26॥
अन्वयार्थ : [जारिसो] जैसा [मल-रहिओ] कर्म-मल से रहित, [णाणमओ] ज्ञानमय [सिद्धो] सिद्धात्मा [सिद्धीए] सिद्धलोक में [णिवसइ] निवास करता है, [तारिसओ] वैसा ही [परमो बंभो] परमब्रह्मस्वरूप अपना आत्मा [देहत्थो] देह में स्थित [मुणेयव्वो] जानना चाहिए।