
सड्जादि जीवसद्दे वीणादिअजीवसंभवे सद्दे
रागादीण णिमित्ते तदकरणं सोदरोधो दु ॥18॥
अन्वयार्थ : [सड्जादि जीवसद्दे] षड्ज आदि जीव शब्द और [वीणादिअजीवसंभवे सद्दे] वीणा आदि से उत्पन्न हुए अजीव शब्द ये सभी [रागादीण णिमित्ते] राग द्वेष के हेतु हैं [तदकरणं] इनका नहीं करना [सोदरोधो दु] श्रोत्रेन्द्रिय निरोध व्रत है ।