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षट् आवश्यक क्रिया
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समदा थवो य वंदण पडिक्कमणं तहेव णादव्वं
पच्चक्खाणं विसग्गो करणीयावासया छप्पि ॥22॥
अन्वयार्थ :
सामायिक, स्तुति, वन्दना, प्रतिक्रमण, प्रत्याख्यान और कायोत्सर्ग—इस प्रकार छह आवश्यक हैं। जो कि निश्चय क्रियाएँ अर्थात् नियम से करने योग्य हैं।