+
भय और मद
-
इहपरलोयत्ताणं अगुत्तिमरणं च वेयणाकम्हिभया
विण्णाणिस्सरियाणा कुलबलतवरूवजाइ मया ॥53॥
अन्वयार्थ :
इहलोक, परलोक, अत्राण, अगुप्ति, मरण, वेदना, आकस्मिक ये सात भय हैं । विज्ञान, ऐश्वर्य, आज्ञा, कुल, बल, तप, रूप, जाति इनके निमित्तक आठ मद हैं ।