एस करेमि पणामं जिणवरवसहस्स वड्ढमाणस्स
सेसाणं च जिणाणं सगणगणधराणं च सव्वेसिं ॥108॥
अन्वयार्थ : यह मैं, जिनवर में प्रधान ऐसे वर्धमान भगवान को, शेष सभी तीर्थंकरों को और गणसहित सभी गणधर देवों को प्रणाम करता हूँ ।