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आर्यिकाएँ परगृह में जा सकती हैं ?
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ण य परगेहमकज्जे गच्छे कज्जे अवस्सगमणिज्जे
गणिणीमापुच्छित्ता संघाडेणेव गच्छेज्ज ॥192॥
अन्वयार्थ :
आर्यिकाओं के लिए गृहस्थ के घर और यतिओं की वसतिकाएँ पर-गृह हैं । बिना प्रयोजन के आर्यिकाएँ पर-गृह में न जायें ।