+ आर्यिकाओं द्वारा निषिद्ध क्रियायें -
रोदणण्हावणभोयणपयणं सुत्तं च छव्विहारंभे
विरदाण पादमक्खणधोवणगेयं च ण य कुज्जा ॥193॥
अन्वयार्थ : रोना, नहलाना, खिलाना, भोजन बनाना छह प्रकार का आरम्भ करना, यतियों के पैर में मालिश करना, धोना और गीत गाना, आर्यिकाएँ इन कार्यों को नहीं करें ।