+ आर्यिकाएँ आहार के लिए कैसे निकलती हैं ? -
तिण्णि व पंच व सत्त व अज्जाओ अण्णमण्ण रक्खाओ
थेरीहिं सहंतरिदा भिक्खाय समोदरंति सदा ॥194॥
अन्वयार्थ : तीन या पाँच या सात आर्यिकाएँ आपस में रक्षा में तत्पर होती हुई वृद्धा आर्यिकाओं के साथ मिलकर हमेशा आहार के लिए निकलती हैं ।