छाबडा :
यह प्राणी, श्रेष्ठ इन्द्रियों के विषय, अच्छे नौकर, घोड़े, हाथी, रथआदिक की प्राप्ति से सुख मानता है सो ये सब क्षण-विनश्र्वर हैं इसलिये अविनाशी सुख को प्राप्त करने का उपाय करना ही योग्य है । अब बन्धु-जनों का संयोग कैसा है सो दृष्टान्त-पूर्वक कहते हैं - |