छाबडा :
ये सब सम्बन्ध वसन्तलिका वेश्या, धनदेव, कमला और वरूण के हुए । इनकी कथा दूसरे ग्रन्थ से लिखी जाती हैं :- एक भव में अठारह नाते की कथा मालवदेश की उज्जयिनी नगरी में राजा विश्वसेन राज्य करता था । वहाँ सुदत्त नाम का सेठ रहता था । वह सोलह करोड़ द्रव्य का स्वामी था । वह सेठ वसन्ततिलका नाम की वेश्या में आसक्त हो गया और उसने उसको अपने घर में रख ली । जब वह गर्भवती हुइ तब उसका शरीर रोग-सहित हो गया इसलिये सेठ ने उस वेश्या को अपने घर में से निकाल दिया । वसन्ततिलका ने अपने घर में ही पुत्र-पुत्री के युगल को जन्म दिया । उसने खेद-खिन्न होकर उन दोनों बालकों को अलग-अलग रत्न-कम्बल में लपेट कर पुत्री को तो दक्षिण-दरवाजे पर छोड़ दी । वहाँ से एस कन्या को प्रयाग निवासी बिणजारे ने लेकर अपनी स्त्री को सौंप दी और उसका नाम कमला रक्खा । पुत्र को उत्तर दिशा के दरवाजे पर छोड़ दिया । वहाँ से उसको साकेतपुर के एक सुभ्रद नाम के बिणजारे ने उठाकर अपनी सुव्रता को सौंप दिया और उसका नाम धनदेव रक्खा । पूर्वोपार्जित कर्म के वश से धनदेव का कमला के साथ विवाह हुआ । पति-पत्नी हुए । बाद में धनदेव व्यापार के लिये उज्जयनी नगरी में गया । वह वहाँ वसन्ततिलका वेश्या पर मोहित हो गया । फिर एक दिन कमला ने सम्बन्ध पूछे । मुनिराज ने इनके सब सम्बन्ध बतलाये । इनके पूर्वभव का वर्णन । इसी उज्जयनी नगरी में सोमशर्मा नाम का बाह्मण रहता था । उसके काश्यपी नाम की स्त्री थी । उनके अग्निभूत सोमभूत नाम के दो पुत्र हुए । वे दोनों कहीं से पढ़कर आते थे । उन्होंने मार्ग में निदत्त-मुनि से उनकी माता को जो जिनमती नाम की गायिका थी, उनका शरीर समाधान (कुशलता) पूछते हुए देखी और जिनभद्र नामक मुनि को सुभद्रा नामक आर्यिका जो उनकी पुत्रवधू थी सो शरीर समाधान पूछती देखी । वहाँ उन दोनों भाइयों ने हँसी की कि तरूण के तो वृद्ध स्त्री और वृद्ध के तरूणी स्त्री है, परमेश्वर ने विपरीत योग मिलाया । इसप्रकार की हँसी के पाप से सोमशर्मा तो वसन्ततिलका हुई और अग्निभूत सोमभूत दोनों भाई मरकर वसन्ततिलका के पुत्र-पुत्री युगल हुए । उनके कमला और धनदेव नाम रक्खे गये । इस तरह सगे-सम्बन्धों को सुनने से कमला को जातिस्मरण हो गया । तब वह उज्जयिनी नगरी में वसन्ततिलका के घर गई । वहाँ वरूण पालने (झूले) में झूल रहा था । उसे देखकर कमला कहने लगी हे बालक । तेरे साथ मेरे छह नाते हैं सो सुन-
अब पाँच प्रकार के संसार के नाम कहते हैं - |