+ उपदेश देनें का क्रम -
बहुशः समस्तविरतिं प्रदर्शितां यो न जातु गृह्णाति ।
तस्यैकदेशविरतिः कथनीयानेन बीजेन ॥17॥
बारबार कहने पर भी जो सकल पाप कर सकें न त्याग ।
उनको समझाते हैं करना, एक-देश पापों का त्याग ॥१७॥
अन्वयार्थ : [यः बहुशः प्रदर्शितां] जो बारबार बताने पर भी [समस्त विरतिं जातु] पूर्ण विरति (मुनिपने) को कदाचित् [न गृहण्ति] ग्रहण न करे तो [तस्य एकदेशिवरितः] उसको एक-देशविरत (श्रावकपद) का [कथनीया अनेन बीजेन] कथन इस प्रकार करना ।
Meaning : He who, in spite of repeated dissertations, is unable to accept the path of absolute renunciation, should in that event, be lectured upon partial renunciation.

  टोडरमल