+ तीनों में प्रथम किसको अंगीकारे? -
तत्रादौ सम्यक्त्वं समुपाश्रयणीयमखिलयत्नेन ।
तस्मिन् सत्येव यतो भवित ज्ञानं चरित्रं च ॥21॥
इनमें सबसे पहले सम्यग्दर्शन पूर्णयत्न से ग्राह्य ।
क्योंकि उसके होने पर ही ज्ञान चरित होते सम्यक् ॥२१॥
अन्वयार्थ : [तत्रादौ अखिलयत्नेन] इन तीनों में प्रथम समस्त प्रकार सावधानतापूवर्क यत्न से [सम्यक्त्वं समुपाश्रयणीयम्] सम्यग्दशर्न को भले प्रकार अंगीकार करना चाहिये [यतः तस्मिन् सत्येव] क्योंकि उसके होने पर ही [ज्ञानं च चारित्रं भवित] सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र होता है ।
Meaning : Again, one must, by all possible means, first attain right belief; because only on the acquisition thereof knowledge and conduct become (right),

  टोडरमल