
सकलमनेकान्तात्मकमिदयुक्तं वस्तुजातमखिलज्ञैः ।
किमु सत्यमसत्यं वा न जातु शंकेति कर्त्तव्या ॥23॥
सर्वज्ञों का कहा हुआ यह अनेकान्तमय वस्तु समूह ।
शंका कभी न करना कि यह है असत्य या सत्य स्वरूप ॥२३॥
अन्वयार्थ : [सकलमनेकान्तात्मकमिदयुक्तं] समस्त अनेकान्तात्मक यह कहा गया [वस्तुजातमखिलज्ञैः] वस्तु-स्वरूप सर्वज्ञों द्वारा [किमु सत्यमसत्यं वा] क्या सत्य है अथवा असत्य है [न जातु शंकेति कर्त्तव्या] ऐसी शंका कभी नहीं करनी चाहिए ॥२३॥
Meaning : One should never entertain any doubt as to whether all these many-sided views of things proceeding from the omniscients, are true or untrue.
टोडरमल