
सम्यग्ज्ञानं कार्यं सम्यक्त्वं कारणं वदन्ति जिनाः ।
ज्ञानाराधनमिष्टं सम्यक्त्वानन्तरं तस्मात् ॥33॥
सम्यग्ज्ञान कार्य है सम्यग्दर्शन कारण कहें जिनेन्द्र ।
इसीलिए समकित होने पर इष्ट ज्ञान का आराधन ॥३३॥
अन्वयार्थ : [जिना: सम्यग्ज्ञानं कार्यं] जिनेन्द्रदेव सम्यग्ज्ञान को कार्य और [सम्यक्त्वं कारणं वदन्ति] सम्यक्त्व को कारण कहते हैं, [तस्मात् सम्यक्त्वानन्तरं] इसलिये सम्यक्त्व के बाद ही [ज्ञानाराधनं इष्टम्] ज्ञान की आराधना योग्य है ।
Meaning : The Conquerors have called Right knowledge the effect and Right belief the cause. Therefore, it is desirable to be striving after knowledge on attaining Right belief.
टोडरमल