
कारणकार्यविधानं समकालं जायमानयोरपि हि ।
दीपप्रकाशयोरिव सम्यक्त्वज्ञानयोः सुघटम् ॥34॥
सम्यग्दर्शन और ज्ञान की उत्पत्ति का है समकाल ।
कारण-कार्य विधान घटित हो जैसे दीपक और प्रकाश॥३४॥
अन्वयार्थ : [कारणकार्यविधानं] कारण और कार्य का विधान [समकालं जायमानयो: अपि] एक समय में उत्पन्न होने पर भी [हि] निश्चय से [दीपप्रकाशयो: इव] दीपक और प्रकाश की तरह [सम्यक्त्वज्ञानयो: सुघटम्] सम्यग्दर्शन और सम्यग्ज्ञान पर भले प्रकार घटित होता है ।
Meaning : Although Right belief and Right knowledge are contemporaneous, there is yet a clear relation of cause and effect between them, just as there is between a lamp and its light.
टोडरमल