
एकः करोति हिंसां भवन्ति फलभागिनो बहवः ।
बहवोविदधति हिंसां हिंसाफलभुग् भवत्येकः ॥55॥
नत एक हिंसा करे फल, भोगें अनेकों बहुत ही ।
मिल करें हिंसा को तथापि, भोगता फल एक ही ॥५५॥
अन्वयार्थ : [एकः करोति हिंसां] एक के हिंसा करने पर [भवन्ति फलभागिनो बहवः] फल भोगनेवाले बहुत होते हैं; [बहवोविदधति हिंसां] अनेकों से हिंसा होने पर [हिंसाफलभुग् भवत्येकः] हिंसा का फल भोगनेवाला एक होता है ।
Meaning : Himsa is committed by one, and there are many who suffer the consequences; many commit Himsa, and only one suffers the consequence for Himsa.
टोडरमल