
स्तोकैकेन्द्रियघाताद्गृहिणां सम्पन्नयोग्यविषयाणाम् ।
शेषस्थावरमारणविरमणमपि भवति करणीयम् ॥77॥
नत योग्य विषयों में प्रवर्तित, गृही को अनिवार्यतम ।
अत्यल्प थावर घात बस, हैं शेष हिंसा त्याज्य सब ॥७७॥
अन्वयार्थ : [सम्पन्नयोग्यविषयाणाम्] इन्द्रिय-विषयों को न्यायपूर्वक सेवन करनेवाले [गृहिणाम्] गृहस्थों को [स्तोकैकेन्द्रियघातात्] अल्प एकेन्द्रिय के घात के अतिरिक्त [शेषस्थावरमारणविरमणमपि] बाकी के स्थावर जीवों के मारने का त्याग भी [करणीयम् भवति] करने योग्य है ।
Meaning : Householders possessed of appropriate articles of enjoyment have to injure a limited number of one-sensed beings. They should desist from causing destruction of other immobile beings.
टोडरमल