
हेतौ प्रमत्तयोगे निर्दिष्टे सकलवितथवचनानाम् ।
हेयानुष्ठानादेरनुवदनं भवति नासत्यम् ॥100॥
कहते प्रमादी योग हेतु, सभी मिथ्या वचन का ।
यों नहीं कहते असत् हैं, वचनादि हेयादेय का ॥१००॥
अन्वयार्थ : [सकलवितथवचनानाम्] समस्त झूठ वचनों का [प्रमत्तयोगे हेतौ] प्रामद-सहित योग हेतु [निर्दिष्टे सति] निर्दिष्ट करने में आया होने से [हेयानुष्ठानादे:] हेय-उपादेय आदि अनुष्ठानों का [अनुवदनं असत्यं न भवति] कहना झूठ नहीं है ।
Meaning : Pramatta Yoga having been stated to be the cause of all false speech, a sermon, preaching the renouncement and the performance of religious duties, would not be a falsehood, .
टोडरमल