
हिंसापर्यायत्वात् सिद्धा हिंसान्तरंगसंगेषु ।
बहिरंगेषु तु नियतं प्रयातु मूर्च्छैव हिंसात्वम् ॥119॥
नित परिणति हिंसामयी, से सिद्ध हिंसा परिग्रह ।
अन्तरंग मूर्छा बाह्य में, यों पूर्ण हिंसामयी यह ॥११९॥
अन्वयार्थ : [हिंसापर्यायत्वात्] हिंसा की पर्यायरूप होने से [अन्तरंगसंगेषु] अन्तरंग परिग्रहों में [हिंसा सिद्धा] हिंसा स्वयंसिद्ध है [तु बहिरंगेषु] और बहिरंग परिग्रहों में [मूर्च्छा एव] ममत्वपरिणाम ही [हिंसात्वम्] हिंसाभाव को [नियतम् प्रयातु] निश्चय से प्राप्त होता है ।
Meaning : Internal attachment is proved to be Himsa because of its being a form of Himsa. Attachment to external objects certainly establishes the fact of Himsa.
टोडरमल