+ ममत्व-मूर्च्छा में विशेषता -
हरिततृणांकुरचारिणिमन्दा मृगशावके भवति मूर्च्छा ।
उन्दुरुनिकरोन्माथिनि मार्जारे सैव जायते तीव्रा ॥121॥
नित हरे तृणभक्षी हरिण, शिशु में रहे मूर्छा कमी ।
पर अनेकों उन्दुरुभक्षी, बिल्ली मूर्छा तीव्र ही ॥१२१॥
अन्वयार्थ : [हरिततृणाङ्कुरचारिणि] हरी घास के अंकुर खानेवाले [मृगशावके] हिरण के बच्चे में [मूर्च्छा] मूर्च्छा [मन्दा] मन्द [भवति] होती है और [स एव] वही मूर्छा [उन्दुरुनिकरोन्माथिनि] चूहों के समूह का उन्मथन करनेवाली [माजरि] बिल्ली में [तीव्रा] तीव्र [जायते] होती है ।
Meaning : Attachment is weak in the young deer who lives on green blades of grass; it is strong in the cat which destroys a host of mice.

  टोडरमल