+ इस प्रयोजन की सिद्धि -
निर्बाधं संसिध्येत् कार्यविशेषो हि कारणविशेषात् ।
औधस्यखण्डयोरिह माधुर्य्यप्रीतिभेद इव ॥122॥
माधुर्य प्रीति भेद ज्यों, पय खाण्ड में निर्बाध ही ।
है स्वत: सिद्ध विशिष्ट कारण, से करम वैशिष्ट्य ही ॥१२२॥
अन्वयार्थ : [औधस्यखण्डयो:] दूध और खांड में [माधुर्य्यप्रीतिभेद: इव] मधुरता के प्रीतिभेद की तरह [इह] इस लोक में [हि] निश्चय से [कारणविशेषात्] कारण की विशेषता से [कार्यविशेष:] कार्य की विशेषता [निर्बाध] बाधारहित [संसिध्येत्] भले प्रकार से सिद्ध होती है ।
Meaning : The effect is certainly influenced by the cause, like the difference in desire for sweetness in milk or sugar.

  टोडरमल