+ रात्रि भोजन त्याग का वर्णन -
रात्रौ भुञ्जानानां यस्मादनिवारिता भवति हिंसा ।
हिंसाविरतैस्तस्मात् त्यक्तव्या रात्रिभुक्तिरपि ॥129॥
है सुनिश्चित हिंसा उसे, जो रात में भोजन करे ।
अतएव हिंसा विरत है तो, रात-भोजन छोड़ दे ॥१२९॥
अन्वयार्थ : [यस्मात्] कारण कि [रात्रौ] रात में [भुञ्जानानां] भोजन करनेवाले को [हिंसा] हिंसा [अनिवारिता] अनिवार्य [भवति] होती है [तस्मात्] इसलिए [हिंसाविरतै:] हिंसा के त्यागियों को [रात्रिभुक्ति: अपि] रात्रिभोजन का भी [त्यक्तव्या] त्याग करना चाहिए ।
Meaning : Those who take their meals at night cannot avoid Himsa. Therefore abstainers from Himsa, should give up night-eating also.

  टोडरमल