+ हिंसाप्रदान -
असिधेनुविषहुताशनलाङ्गलकरवालकार्मुकादीनाम् ।
वितरणमुपकरणानां हिंसाया: परिहरेद्यत्नात् ॥144॥
हिंसोपकरणी छुरी विष, तलवार अग्नि हल धनुष ।
वाणादि देना छोड़ना नित, यत्नपूर्वक हो निपुण ॥१४४॥
अन्वयार्थ : [असि-धेनु-विष-हुताशन-लाङ्गल-करवाल-कार्मुकादीनाम्] छुरी, विष, अग्नि, हल, तलवार, धनुष आदि [हिंसाया:] हिंसा के [उपकरणानां] उपकरणों का [वितरणम्] वितरण करना अर्थात् दूसरों को देना [यत्नात्] सावधानी से [परिहरेत्] छोड़ देना चाहिए ।
Meaning : One should be careful not to give instruments of Himsa, such as knife, poison, fire, plough, sword, bow, etc.

  टोडरमल