+ प्रोषधोपवास की विधि -
मुक्तसमस्तारम्भ: प्रोषधदिनपूर्ववासरस्यार्द्धे ।
उपवासं गृह्णीयान्ममत्वमपहाय देहादौ ॥152॥
सम्पूर्ण आरम्भ से रहित, देहादि में ममता रहित ।
हो पर्व दिन के पूर्व दिन, मध्यान्ह में अनशन ग्रहण ॥१५२॥
अन्वयार्थ : [मुक्तसमस्तारम्भ:] समस्त आरम्भ से मुक्त होकर [देहादौ ममत्वं अपहाय] शरीरादि में ममत्वबुद्धि का त्याग करके [प्रोषधदिनपूर्ववासरस्यार्द्धे] पर्व के पहले दिन के मध्याह्न काल में [उपवासं गृह्णीयात्] उपवास को अंगीकार करना चाहिए ।
Meaning : Free from all work, and having given up affection for the body etc., one should commence fasting at middle of the day previous to Proshadha day, (which is the eighth and fourteenth day of each lunar fortnight).

  टोडरमल