+ बारह अनुप्रेक्षाओं के नाम -
अद्धुवमसरणमेगत्‍तमण्‍णसंसारलोगमसुचित्‍तं ।
आसवसंवरणिज्‍जर, धम्‍मं बोहिं च चिंतेज्‍जो ॥2॥
अन्वयार्थ : अध्रुव, अशरण, एकत्‍व, अन्‍यत्‍व, संसार, लोक, अशुचित्‍व, आस्रव, संवर, निर्जरा, धर्म और बोधि इन बारह अनुप्रेक्षाओं का चिंतन करना चाहिए ॥२॥