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लोकानुप्रेक्षा
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जीवादिपयट्ठाणं, समवाओ सो णिरूच्चए लोगो ।
तिविहो हवेइ लोगो, अहमज्झिमउड्ढभेएण ॥39॥
अन्वयार्थ :
जीव आदि पदार्थों का जो समूह है वह लोक कहा जाता है। अधोलोक, मध्यमलोक और ऊर्ध्वलोक के भेद से लोक तीन प्रकार का होता है ॥३९॥