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चार-कषाय और तीन-योग
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कोहो माणो माया, लोहो वि य चउव्विहं कसायं खु ।
मण वचिकाएण पुणो, जोगो तिवियप्पमिदि जाणे ॥49॥
अन्वयार्थ :
क्रोध, मान, माया और लोभ यह चार प्रकार की कषाय है। तथा मन, वचन और कायके भेद से योग के तीन भेद हैं यह जानना चाहिए ॥४९॥