+ गृहस्‍थ के ग्‍यारह धर्म -
दंसणवयसामाइयपोसहसच्‍चित्‍तरायभत्‍ते य ।
बम्‍हारंभपरिग्रह, अणुमणमुद्दिट्ठ देसविरदेदे ॥69॥
अन्वयार्थ : दर्शन, व्रत, सामाजिक, प्रोषध, सचित्‍तत्‍याग, रात्रिभक्‍तव्रत, ब्रह्मचर्य, आरंभत्‍याग, परिग्रहत्‍याग, अनुमतित्‍याग और उद्दिष्‍टत्‍याग ये देशविरत अर्थात् गृहस्‍थ के भेद हैं ॥६९॥