+ उत्‍तम क्षमा का लक्षण -
कोहुप्‍पत्तिस्‍स पुणो, बहिरंगं जदि हवेदि सक्‍खादं ।
ण कुणदि किंचि वि कोहो, तस्‍स खमा होदि धम्‍मो त्ति ॥71॥
अन्वयार्थ : यदि क्रोध की उत्‍पत्ति का साक्षात् बहिरंग कारण हो फिर भी जो कुछ भी क्रोध नहीं करता उसके क्षमा धर्म होता है ॥७१॥