+ मार्दव धर्म का लक्षण -
कुलरूवजादिबुद्धिसु, तपसुदसीलेसु गारवं किंचि ।
जो ण वि कुव्‍वदि समणो, मद्दवधम्‍मं हवे तस्‍स ॥72॥
अन्वयार्थ : जो मुनि कुल, रूप, जाति, बुद्धि, तप, श्रुत तथा शील के विषय में कुछ भी गर्व नहीं करता उसके मार्दव धर्म होता है ॥७२॥