+ और भी लोचनजनित गुण कहते हैं- -
अप्पा दमिदो लोएण होइ ण सुहे य संगमुवयादि ।
साधीणदा य णिद्दोसदा य देहे य णिम्ममदा॥93॥
केशलोंच से आत्मनियन्त्रण तन-सुख में आसक्ति विहीन ।
तन के प्रति निर्ममता अरु निर्दाेष तथा परिणति स्वाधीन॥93॥

  सदासुखदासजी