+ आगे परिणाम के गुण की महिमा कहते हैं - -
एवं सदिपरिणामो जस्स दढो होदि णिच्छिदमदिस्स ।
तिव्वाए वेदणाए वोच्छिज्जदि जीविदासा से॥166॥
देह त्याग करना ही है एेसा दृढ़ निश्चय होने पर ।
तीव्र वेदना होने पर भी जीवों की अभिलाषा नष्ट॥166॥
अन्वयार्थ : समाधिमरण में निश्चित है बुद्धि जिसकी, उसके तीव्र-वेदना होने पर भी ऐसा दृढ परिणाम होता है, जीने की वांछा का अभाव हो जाता है ।

  सदासुखदासजी