
एवं पण्डियमरणं तवियप्पं वण्णिदं सवित्थारं ।
वुच्छामि बालपण्डियमरणं एत्तो समासेण॥2084॥
इसप्रकार त्रय भेद सहित पंडित मृत्यु का किया कथन ।
अब कहते हैं बाल मरण पंडित का कुछ संक्षिप्त कथन॥2084॥
अन्वयार्थ : इस प्रकार पंडितमरण के भेद भक्तप्रत्याख्यान, इंगिनी और प्रायोपगमन - इनका विस्तार सहित वर्णन किया ।
सदासुखदासजी