
इय बालपंडियं होदि मरण मरहंतसासणे दिट्ठं ।
एत्तो पण्डिदपण्डिदमरणं वोच्छं समासेण॥2094॥
इसप्रकार अर्हन्तों ने बतलाया पंडित बाल मरण ।
अब पंडित-पंडित मृत्यु का करते हैं संक्षेप कथन॥2094॥
अन्वयार्थ : इस प्रकार बालपंडितमरण होता है - यह अरहन्त के आगम में कहा है । उस परमागम के अनुसार इस ग्रन्थ में दिखाया गया है । मैंने अपनी रुचि अनुसार नहीं कहा है । भगवान के अनादिनिधन परमागम में अनन्तकाल से अनन्त सर्वज्ञदेवों ने ऐसा ही कहा है । अब आगे पंडितपंडितमरण को संक्षेप में कहूँगा - ऐसा आगे कहने की प्रतिज्ञा की है । इसप्रकार बालपंडितमरण का दस गाथाओं में वर्णन किया ।
सदासुखदासजी