
उक्कस्सएण छम्मासाउगसेसम्मि केवली जादा ।
वच्चंति समुग्घादं सेसा भज्जा समुग्घादे॥2116॥
कैवल्य प्राप्ति के समय यदि छह मास आयु ही शेष रहे ।
नियमित होता समुद्घात अरु अन्यों को हो या न हो॥2116॥
अन्वयार्थ : जिनकी उत्कृष्ट रूप से छह माह की आयु अवशेष रहने पर केवली होते हैं, वे नियम से समुद्घात करते हैं और जिनकी आयु छह माह से अधिक अवशेष रहने पर केवलज्ञान प्राप्त करते हैं, उनके समुद्घात भजनीय है/समुद्घात हो, भी न भी हो । आयु की स्थिति तो अन्तर्मुहूर्त अवशेष रह जाये और वेदनीय, नाम, गोत्र की स्थिति अधिक रह जाये उनके तीन कर्म की स्थिति आयु के समान करने के लिए नियम से समुद्घात होता है और जिनके तीन कर्म की स्थिति आयु के बराबर होती है, वे समुद्घात नहीं करते ।
सदासुखदासजी