
भावे सगविसयत्थे सुरो जुगवं जहा पयासेइ ।
सव्वं वि तधा जुगवं केवलणाणंं पयासेदि॥2149॥
जैसे सूर्य विषय-गोचर सब वस्तु प्रकाश करे युगपत् ।
वैसे केवलज्ञान समस्त पदार्थ प्रकाश करे युगपत्॥2149॥
अन्वयार्थ : जैसे सूर्य अपने विषय/बिम्ब में प्रतिबिम्बित पदार्थ को युगपत् प्रकाशित करता है; तैसे ही केवलज्ञान समस्त पदार्थ को युगपत् प्रकाशित करता है ।
सदासुखदासजी