+ स्त्री से राग छुड़ाने के लिए कामदेवरूपी धीवर का उदाहरण -
(द्रुतविलम्बित)
परमधर्मनदाज्जनमीनकान्, शशिमुखीबडिशेन समुद्धृतान् ।
अतिसमुल्लसिते रतिमुर्मुरे; पचति हा हतकः स्मरधीवरः ॥116॥
धीवर-काम, जीव-मछली को, नारीरूपी काँटे से ।
धर्म-सरोवर से निकाल कर, सम्भोगाग्नि में भूँजे ॥
अन्वयार्थ : यह हिंसक कामदेवरूपी धीवर, जीवरूपी मछलियों को उत्कृष्ट धर्मरूपी तालाब से निकाल कर, स्त्रीरूपी मांससहित काँटे पर लटका कर, अत्यन्त प्रज्वलित सम्भोगरूपी अग्नि में भूँजता है - यह बड़े दुःख की बात है ।