+ यमराज का आकस्मिक आगमन -
कदा कथं कुतः कस्मिन्नित्यतर्क्यः खलोऽन्तकः ।
प्राप्नोत्येव किमित्याध्वं यतध्वं श्रेयसे बुधाः ॥७८॥
अन्वयार्थ : जिस काल के विषय में कब वह आता है, कैसे आता है, कहां से आता है, और कहां पर आता है; इस प्रकार का विचार नहीं किया जा सकता है वह दुष्ट काल प्राप्त तो होता ही है । फिर हे विद्वानों ! आप निश्चिन्त क्यों बैठे हैं ? अपने कल्याण के लिये प्रयत्न कीजिये । अभिप्राय यह है कि प्राणी के मरण का न तो कोई समय ही नियत है और न स्थान भी। अतएव विवेकी जन को सदा सावधान रहकर आत्महित में प्रवृत्त रहना चाहिये ॥७८॥
Meaning : Wicked death is certain to strike; it cannot be guessed as to when, how, whence, and where. O wise men! Why are you sitting unconcerned? Do something for your own safety. The idea here is that the discriminating men must remain vigilant and concerned about own welfare.

  भावार्थ 

भावार्थ :