मादु-पिदुपुत्त-मित्तं कलत्त-धण-धण्ण-वत्थु-वाहण-विहवं ।
संसारसारसोक्खं सव्वं जाणउ सुपत्तदाणफलं ॥19॥
मातृ-पितृ-पुत्र-मित्रं कलत्र-धन-धान्य-वास्तु-वाहन-विभवम् ।
संसारसारसौख्यं सर्वं जानातु सुपात्रदानफलम्॥
अन्वयार्थ : (उत्तम) माता, पिता, पुत्र, मित्र, कलत्र (स्त्री), धन-धान्य, वास्तु(मकान आदि), वाहन व वैभव और संसार भर के उत्तम सुख । इन सबको सुपात्र-दानका फल जानें ॥19॥