पुत्तकलत्तविदूरो दारिद्दो पंगुमूकबहिरंधो ।
चांडालादिकुजादो पूयादाणादिदव्वहरो ॥33॥
पुत्रकलत्रविदूरो दरिद्र: पङ्ग्वमूकबधिरोऽन्ध: ।
चाण्डालादिकुजाति: पूजादानादिद्रव्यहर:॥
अन्वयार्थ : पूजा व अन्य दान आदि के द्रव्य को हरण करने वाला व्यक्ति पुत्र वस्त्री से हीन, दरिद्र, गूंगा, बहरा व अन्धा एवं चाण्डाल आदि नीच जातियों में जन्म लेता है ॥33॥