सुहडो सूरत्त विणा महिला-सोहग्गरहिय-परिसोहा ।
वेरग्गणाणसंजमहीणा खवणा ण किंपि लब्भंते ॥72॥
सुभट: शूरत्वं विना, महिला-सौभाग्यरहितपरिशोभा ।
वैराग्य-ज्ञान-संयमहीना: क्षपणा: न किमपि लभन्ते॥
अन्वयार्थ : शूरता के बिना सुभट (योद्धा शोभित नहीं होता), सौभाग्य-रहित(विधवा) महिला शोभित नहीं होती, (उसी तरह) वैराग्य, ज्ञान व संयम से रहित क्षपण(मुनि) कुछ भी प्राप्त नहीं करते ॥72॥