अवियप्पो णिद्दंदो णिम्मोहो णिक्कलंकओ णियदो ।
णिम्मलसहावजुत्तो जोई सो होइ मुणिराओ ॥96॥
अविकल्प: निर्द्वन्द्व: निर्मोह: निष्कलङ्क: नियत: ।
निर्मलस्वभावयुक्त: योगी स भवति मुनिराज: ॥
अन्वयार्थ : जो निर्विकल्प, निर्द्वन्द्व, निर्मोही, निष्कलंक, स्थिरस्वभावी एवं निर्मल स्वभाव सेयुक्त होता है, वह मुनिराज व योगी होता है ॥96॥