आदिमकरणद्धाए पडिसमयमसंलेखलोगपरिणामा
अहियकमा हु विसेसे मुहुत्तअंतो हु पडिभागो ॥42॥
अन्वयार्थ : [आदिमकरणद्धाए] आदि करण के काल में, [पडिसमयम] प्रतिसमय [अहिय] अधिक [कमा] क्रम [हु] लिए हुए [असंलेखलोग] असंख्यात लोक प्रमाण [परिणामा] परिणाम होते है । [विसेसे] विशेष को प्राप्त करने के लिए, [मुहुत्तअंतो] अन्तर्मुहूर्त प्रमाण [पडिभागो] प्रतिभाग [हु] है ।
बोधिनी
बोधिनी : आदिमकरणद्धायां प्रतिसमयमसंख्य्लोकपरिणामा:;;अधिकक्रमा हि विशेषे मुहूर्तातहिं प्रतिभाग: ॥४२॥
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