अवरमपुण्णं पढमं, सोलं पुण पढमविदियतदियोली।
पुण्णिदरपुण्णयाणं, जहण्णमुक्कस्समुक्कस्सं॥99॥
अन्वयार्थ : आदि के सोलह स्थान जघन्य अपर्याप्तक के हैं और प्रथम, द्वितीय, तृतीय श्रेणी क्रम से पर्याप्तक, अपर्याप्तक तथा पर्याप्तक जीवों की है और उनकी यह अवगाहना क्रम से जघन्य, उत्कृष्ट और उत्कृष्ट समझनी चाहिये ॥99॥

  जीवतत्त्वप्रदीपिका