
रूऊणवरे अवरुस्सवरिं संवह्निदे तदुक्कस्सं।
तम्हि पदेसे उह्ने, पढमा संखेज्जगुणवह्नी॥107॥
अन्वयार्थ : जघन्य के प्रमाण में एक कम जघन्य का ही प्रमाण और मिलाने से अवक्तव्य वृद्धि का उत्कृष्ट स्थान होता है। और इसमें एक प्रदेश और मिलाने से संख्यात गुणवृद्धि का प्रथम स्थान होता है ॥107॥
जीवतत्त्वप्रदीपिका