बावीस सत्त तिण्णि य, सत्त य कुलकोडिसयसहस्साइं।
णेया पुढविदगागणि, वाउक्कायाण परिसंखा॥113॥
अन्वयार्थ : पृथिवीकायिक जीवों के कुल बाईस लाख कोटि, जलकायिक जीवों के कुल सात लाख कोटि, अग्निकायिक जीवों के कुल तीन लाख कोटि और वायुकायिक जीवों के कुल सात लाख कोटि हैं ॥113॥

  जीवतत्त्वप्रदीपिका